Motivational Hindi Poem: Kiya tha Agaaz hausle ke saath!

किया था आगाज़ हौसले के साथ
हर चुनौती को देते गए तुम जवाब
मंजिल का लम्बा सफ़र
रास्तो के पत्थर को पार करते हुए
आज इतने करीब पहुँच कर
तू थक नहीं सकता
बहुत पड़े हैं थपेड़े किन्तु
संकल्प शिथिल नहीं पड़ सकता
पुनः विजय निश्चय करना है
किया था आगाज़ हौसले के साथ
अंजाम को आगाज़ से भी भव्य करना है!!

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Hindi Poem: Desh Bech Khayenge!

walmart-tesco-carrefour-indiaभारत  नीलामी  का  इरादा  जबसे  पक्का किया  है
महामौन सिंह  के  मुख  से  अलफ़ाज़  निकलने  लगे  हैं
Walmart Carrefour Tesco के  भारत  प्रवेश  के  लिए  कुछ  भी  कर  जायेंगे
ज़रुरत  पड़ी  तो  भारत  बेच  खायेंगे
हमने  लूटा  तो  बहुत  पर  भूख अभी बाकी है
कोयले  की  खदानों  से  निकला  धन  अभी  नाकाफी  है
अब  तो  reforms के  नाम  पर  चपत  लगायेंगे
विदेशी  कम्पनियों  से  dollar  में  कमाएंगे
जहन्नुम  में  जाए  देश  हम  तो  अमेरिका  का  पकड़  कर  हिलाएंगे
लोग  एक  दो  महीने  सड़क  पर  मोर्चा  निकालेंगे  फिर  adjust हो  जायेंगे
हर  बार  की  तरह  इस  बार  भी  कुछ  नहीं  होगा
यही  सोचकर  सभी  अपने  घर  में  दुबक  कर  रह  जायेंगे
मीडिया  वाले  वाद -विवाद  प्रतियोगिता  करवा  कर  TRP बढ़ाएंगे
लेकिन समाधान नहीं बता पायेंगे
और  इंडिया  की  हालत  को  गाली  देते हुए  चुप-चाप  रह  जायेंगे
पर  अपनी  comfort zone से  बहार  हम  कभी  नहीं  आयेंगे
जिनको  अभी  भी  फर्क  नहीं  पड़ता  वो  क्या  घंटा  देश  बनायेंगे
चलिए  अब  बहुत  वक़्त  ज़ाया  हो  गया  अब  अमेरिका  में  ही  स्वतंत्रता  दिवस  मनाएंगे!!

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Hindi Poem: Dekh Congress Ne kya Haal Kar Diya!

देख  कांग्रेस  ने  क्या  हाल  कर  दिया  मेरे  देश  का
भ्रष्टाचार  में  नया  रिकॉर्ड  कायम  कर  दिया
खाने  के  बाद  कहते  हैं  हमने  तो  खाया  नहीं
सभी  प्रमाणों  को  नकार  दिया
अरे  भैया! इतना  पैसा  लूटने  की  आजादी  इनको  किसने  दी
एक के बाद  एक  घोटालों  ने  तो  इनकी  पोल  खोल  दी
फिर  भी  इनके  तेवर  ढीले  नहीं  पड़े
पड़ते  भी  क्यूँ  जब  सबने  मिलकर  काम किया  है
जब  प्रश्न  पूछो  तो  कहते  हैं  हम तो  पाक  है
इस  सरकार  ने  हमें  मूर्ख  समझा  है
तभी  तो  इतने  आंदोलनों  के  बाद  भी  इनको  जन  भावना  समझ  नहीं  आई  है
इनकी  खिलाफत  जिसने  की  उसे  जेल  भेजा  लाठी चार्ज  किया  twiiter/facebook के  account बंद  किया
पूरी  ताक़त  झोंख  दी  अपनी  नाकामी  छुपाने  में
बावजूद  इसके, घोटालों  पर  मनमोहन  का  मुख  नहीं  खुलता  है
“मेरी  ख़ामोशी  बेहतर  है” का  जुमला  सुनने  को  बस  मिलता  है
नहीं  मानेंगे  की  असम हिंसा  की  वजह  है  क्या
हर  चीज़  का  ठीकरा  RSS aur Pakistan के  सर  पर  फोड़ेंगे
अब  तो  यही  समझाएं  की  economy का  बंटाधार  कैसे  हुआ
कोयला  आवंटन  में  सबका  क्या  योगदान  रहा
कांग्रेस  का  पंजा  अब  भारत  माँ  को छलनी कर  रहा  है
नहीं  सहा  जाएगा  ये अत्याचार
सुनो  मेरे  साथियों , मात्रभूमि  की  वेदना  सुनो
चारों दिशाओं  से  निकली  आहें  बर्बाद  नहीं  जायेंगी
अगले  चुनाव  में  कांग्रेस  का  पतन  की  वजह  बन  जायेंगी
नहीं  चाहिए  वो  सरकार जिसने
हर  कदम  पर  घुटने  टेक  दिया
वोट और नोट  की  खातिर  मुल्क  बेच  दिया!!!
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Inspiration and Motivation: जो देश को उन्नत बना सके सिर्फ वही देशभक्त चाहिए!

आवाज़  जो  हमारी  सरकार  को  सुने  नहीं  देती
राष्ट्र  की  पीड़  दिखाई  नहीं  देती
ये  कैसा  समय  आ  गया  गाँधी  के  देश  में
अहिंसा  से  अपनी  बात  रखने  वालों  की  पुकार
सिंघासन  पर  काबिज  जन  प्रतिनिधि  को  श्रवण  नहीं  करती
इससे  बड़ा  कलंक  लोकतंत्र  पर  क्या  होगा
जहाँ  तानाशाही  इस  कद्र  बढ़  गयी  है
जो  जनता  को  उपेक्षित  है  कर  देती
बीते  वर्ष  में  हमारी  सरकार  ने  हर  बार  यही  सन्देश  दिया
कुछ  भी  हो  जाए  हम तुम्हे  नहीं  सुनेंगे  भैया
अपनी  ताक़त  दिखानी  हो  तो  राजनीती  में  मुकाबला  करो
और  अपना  रास्ता  खुद  तय  करो
प्रजातंत्र  में  अब  शांति-आन्दोलन की  जगह  नहीं
दुर्भाग्य  है  इस  मुल्क  का
जहाँ  जन  सेवा  के  नाम  पर  सिर्फ  मेवा  खाया  जा  रहा  है
खुदगर्जी  में  सराबोर  अपना  बैंक  बैलेंस  बढाया  जा  रहा  है
लोकतंत्र पर ये अघात नहीं सहा जाएगा
अब तो सबक सिखाया जाएगा
छोड़  गाँधी  की  लाठी  अब  आज़ाद  की  पिस्तोल  बोलेगी
जरूरत  पड़ी  तो  संसद  में, सड़कों  पर  लड़ा  जाएगा
क्या  करें  देश  वालों  मजबूरी  है, क्यूंकि
शांति-आन्दोलन  हमारी  सरकार  को  दिखाई  नहीं  देता
और  तब  अगर  बुद्धजीवियों  ने  प्रवचन  दिया
तब  उनको  भी  लताड़ा  जाएगा
आज  कायदा  कानून  तरीके  से  परे  हो  कर
लोग  परिणाम  की  चिंता  करते  हैं
मिटटी  ये  उद्घोष  करती  है
स्वंतंत्रता  के  ६६वी   वर्षगाँठ  पर
उठो  देश  के  लाल  और  बचा  लो  अपनी  माँ  को
जिसे  उसके  ही  कुछ  सपूत  लूट  रहे  हैं
अब  गाँधी  नहीं  सुभाष  चाहिए, देशद्रोहियों का संघार चाहिए
जो  देश  को  उन्नत  बना  सके  सिर्फ वही देशभक्त  चाहिए!
इस  स्वाधीनता  दिवस  ये  संकल्प  करें
न्योछावर  कर  देंगे  खुद  को  वतन  पर  गर  आवश्यकता  पड़ी
राष्ट्र  धर्म  से  बढ़  कर  न  ही  राज  धर्म न ही गठबंधन धर्मं  है  और  न  ही कोई  और!!
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London 2012: The Most Successful for India!

Disappointed on Sushil winning Silver.

Sushil will be first Indian to win two individual Olympic medals. Well Done. You are Legend for us!

But perhaps this has been the beauty of London 2012. For the first time we have been disappointed of not winning PARTICULAR medal otherwise every time we use to hope to win A medal. London 2012 is India’s most successful campaign and it will be the new start for Indian Sports. Perhaps we are on the verge of breaking cusp/ jinx of being medal deprived nation and rise from here on.
We won three at Beijing and now Six in London, this tally is hopefully going to increase with every game. All the best for sporting bodies across country to focus in right direction. First time we have been so competitive in Int’l stage. Winning medals is different and getting recognized on Int’l stage is in itself a big achievement.
Eg: Devendro, Vikas Gowda, Tintu Loka, Kashyap, Ponappa/ Gutta, Swaran Singh, BB Rana, Amit Kumar, Jai Bhagwan, Sangwan and many more have left a mark on Sporting Fraternity around the world. They will surely take respective sports to new glory.

Come on India!! Time to celebrate the most successful Olympics. Cheers!!!

Hindi Story: Aakhir Kiske Liye?

न समझो तो मिट जाओगे ऐ हिंदुस्तान वालों
तुम्हारी दास्ताँ तक न होगी दास्तानों में!!


एक सैनिक के लिए देश पर कुर्बान हो जाने से बढ़कर गौरव नहीं होता है! हर सैनीक के दिल का यही जज्बा ने हमारी स्वतंत्रता को बरक़रार रखा है! अगर हमारे सैनीक अपने कर्त्तव्य से पीछे हट जाएँ तो हमारे देश को गुलामी की जंजीरों में फ़ीर से जकड़ने में ज्यादा समय नहीं लगेगा! देश के एक सैनीक और देशवासियों में एक अनकहा करार होता है जिसके अंतर्गत सैनीक को यह भरोसा होता है की अगर अपने देश की अखंडता और स्वाभिमान की रक्षा करते हुए उसके प्राण भी जाते हैं तो देश के जनता, देश की सर्कार उसके परिवार का भली भाँती ख्याल रखेगे! एक सैनीक इसी विश्वास के साथ रण भूमि में उतरता है और अपने कर्त्तव्य को पूर्ण करता है, परन्तु क्या हमने अपने उस करार को निभाया है?
मुझे ऐसे लगता है की एकाध लोगों को छोड़ दिया जाए तो शेष लोगों को इससे कोई लेना देना नहीं होता की एक शहीद का परिवार किन परिस्थितियों से गुजरता है!
मेरे बेटे को आज गुजरे हुए ढाई साल हो गए हैं! वह भारतीय सेना में जवान था और सरहद पर  आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में वह शहीद हो गया! दो वर्ष पूर्व स्वाधीनता दिवस के दिनों उसे महावीर चक्र से नवाजा था! पर मैं आज भी मेरे दील को विश्वास नहीं होता की मेरा नवीन अब कभी मुझे पापा कहकर नहीं बुलाएगा! उसके शहीद होने की जब खबर मिली तो ऐसे लगा की पल ठहर सा गया हो, जीवन में उथल पुथल मच गयी और एक जवान बेटे के लिए जो अरमान थे वो एक ही पल में बिखर गए! नवीन की माँ उस दिन से बिलकुल चुप हो गयी है!
नवीन की शवयात्रा में लाखों का जुलूस सड़क पर उतर आया था और बड़े बड़े राजनेताओं ने भी अपने “कर कमलों” द्वारा “पुष्प चक्र” चढा कर श्रद्धांजलि दी थी! सरकार ने भी मुआवजे का एलान कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर दी!
ज़िन्दगी की यह भी एक सच्चाई है की ज़िन्दगी कभी झुकती नहीं, साँसे रुकती हैं पर ज़िन्दगी कभी रुकती नहीं! ज़िन्दगी को दुबारा चलाने के लिए सरकारी मुआवजे के लिए एक दफ्तर से दुसरे दफ्टर का चक्कर काट रहा हूँ, पर कीसी के कानों पर एक पिता की फरियाद नहीं पड़ रही है! सरकारी बाबू को ज़मीन आवंटित करने के लिए अपना हिस्सा चाहिए! उसका कहना है की “तुम्हारे बेटे ने देश के लिए जान दे दी तो उससे मुझे क्या करना! जब तक मेरा लाभ नहीं होगा तब तक…..!” उसके इस कथन ने अन्दर से झकझोर कर रख दिया! ऐसे प्रतीत होता है की लोग एक शहीद के परिवार की तरफ जो हमदर्दी रखते हैं वो एक छल है! दो साल पहले पूरे गाँव ने वीर सपूत का गुण गान किया पर आज चौराहे पर लगी उसकी प्रतिमा भी लोगों को उसकी कुर्बानी याद नहीं दिलाती! आज उसके परिवार की सुध लेने वाला कोई नहीं है! हुक्मरानों ने नवीन की शहादत पर भी राजनीती की और अपनी झोलियाँ भरी!
आज मेरी सहनशीलता जवाब दे चुकी है और रह रह कर यही सवाल जेहन में आता है की क्यों मेरे बेटे ने उस अनजान व्यक्ति के लिए अपने प्राण दे दिए जो उसकी क़द्र नहीं करता है! आज के युग जब इंसान सिर्फ स्वार्थ में जीता है तो क्यूँ नहीं मेरे बेटे ने अपने घरवालों के बारे में, अपनी जिम्मेदारियों के बारे में और अपने बारे में सोचा? आखिर किसके लिए मेरे बेटे ने शहादत दी? उन लोगों के लिए जो आज उसे भूल चुके है, या उन सरकारी मंत्रियों के लिए जिनकी नकारता की कीमत मेरे बेटे ने चुकाई है? “वीरों की भाँती मृत्यु” जैसा कलाम इस संसार में नहीं होता है! जीवन और मृत्यु ही सच्चाई है! आज जब पूरा देश पंद्रह अगस्त की तैयारी कर रहा है तो बस मैं उनसे एक ही सवाल करना चाहता हूँ की आखिर किसके लिए?

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Hindi Poem: Vartman ka Launda!!

हिन्दुस्तान में वर्तमान का लौंडा सबसे हारा हुआ है

ये वो लौंडा है जिसे अपने चेहरे पर लज्जा है

जिसे उसने FAIR & HANDSOME से सजा रखा है

रंग के नाम पर भेदभाव को विदेशी कम्पनी ने जब बढाया

तब हमने दोनों हाथ खोल उसे गले लगाया

जिस देश के बेटों ने सदियों तक उसका गौरव बढाया

आज उन्ही बेटों के बड़े हिस्से ने खुद को

लौंडिया के नाम पर लुटाया

कभी भी हार न मानने के जज्बे को

इश्क की चिड़िया ने हवा में उड़ाया

METROSEXUAL बनने की होड़ में अपनी MASCULINITY को गंवाया

GLOBALIZATION के दौर में हमने अपनी अस्मिता को भुलाया

अपनी संस्कृति, विचार और आदर्शों को ठोकर मार गिराया

विदेशी ज़मीन पर बसने की तमन्ना ने

सरज़मीन-ऐ-हिंदुस्तान को बहुत रुलाया

माँ-बाप घर परिवार छोड़

उस लौंडे ने सारा ध्यान कागज़ के चंद टुकडों को कमाने में लगाया

आज वो इतना थक चुका है

की उसे मुल्क की पुकार सुनाई नहीं देती

उदासीन रवैये ने शहीदों की रूह को छलनी किया

जो आजादी मुफ्त में मिली थी उसे मिट्टी में मिलाया

आज के लौंडे ने अपनी मर्दानगी को कमजोरों पर दिखाया

जब बात आई सीने पर गोली खाने की

तो देख कैसे अपनी पीठ दिखाया

ये वही देश है जहाँ पर वीर रस गाये जाते थे

आज उसी धरती पर क्रांतिकारियों को गाली दी जाती है

और आतंकियों को नेता, जनता के पैसे की बिरयानी परोसते हैं

और ये सब देख कर भी लौंडे की ज़बान खुलती नहीं

क्यूंकि हिन्दुस्तान में वर्तमान का लौंडा सबसे हारा हुआ है!!

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Sachin’s Dismissal in IPL: Another Controversy!!

Hey guys,

Watch this video (it is the live coverage of the match between Mumbai Indians and Deccan Chargers in the recently concluded IPL, which happened on Sachins bday i guess)

See the video at 48mts 18 seconds.
http://www.youtube.com/watch?v=n4ieEiFAvXY&feature=channel_video_title
This is where Sachin gets caught out, the umpire wants to check for the no ball.
The first two angles for viewing the bowler Amit Mishra’s foot are inconclusive, so the third angle decides it, but look closely at the third angle and dont you find something odd in it???
Amazing isnt it?
Sachin is shown on the non striker of third replay…. some blunder led to Sachin’s dismissal…on his Birthday…..

In Loving Memory of Tauji!

Tauji

Words cannot express what we feel
your departure from us is tough indeed

You have been guiding force in our lives

without you we all are emptied

You have been the foundation of our family
Holding us together in cheer and despair

You were like a big tall tree

Smiling and bestowing love on every dear


During the time when greed is everywhere
Your character is a flare
you never deviated from your credo
which is difficult to be seen elsewhere

Your life is a constant source of inspiration
Your morals, values and ethics
will light our path in darkness
And will provide much needed motivation

You have left an eternal impact
Your teachings and beliefs will forever be etched in our heart
You will be remembered by one and all
you’ll always be real close, even though we’re far apart

Today you have left for your heavenly abode
God will welcome you with open arms
You’ll be a shining star
no matter how far away you seem
You’ll forever remain in our heart!!

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Hindi Poem on Dowry- दहेज़: एक कुरीति!

खुश खबरी दोस्तों, राने की शादी तय हो गयी
अरे भौतिकी की डिग्री मिलते ही उसकी कीमत दोगुनी हो गयी
घर वालों ने नन्हे की शादी के दहेज़ के लिए मार्केट सर्वे किया
कैसे चूसना है लड़की वालों को इस पर चर्चा किया
तय किया के आएगी लड़की एक संपन परिवार से
पूरी हो सके फरमाइश एक इशारे से
सामान की लिस्ट तैयार हुई
फ्रिज, टीवी, ऐसी, फर्नीचर, सोना, चांदी, नकदी की डिमांड हुई
शादी तय होने से ले कर बरात उठने तक रोज़ मांग बढती गयी
बेटी की ख़ुशी समझते हुए लड़की वाले सभी मांग पूरी करते गए
बरात चलने को तैयार खड़ी थी की याद आया
चौपहिया वाहन तो नोट करवाना भूल ही गए
समधी को बोला मांग पूरी करो तभी बरात आएगी द्वार पर
नहीं तो जान देनी पद जायेगी बेटी को बाबुल के द्वार पर
मांग पूरी हुई, राने की शादी बहुत धूम धाम से हुई
बहू घर आ गयी पर राने और घरवालो की भूख बढती चली गयी
प्रतिदिन उनकी अपेक्षा बढती गयी
प्रताड़ित किया बहू को ससुराल वालों ने
दिखाई राने ने मर्दानगी एक औरत को धमकाने में
बहू ने जब किया विरोध तो कैद किया उसे वीराने में
जल गए उसके सारे अरमान अनुचित अभिलाषा के कारण!!
जल गए उसके सारे अरमान अनुचित अभिलाषा के कारण!!

दहेज़ एक ऐसी कुरीति है जिस पर समाज की मुहर है
क्या शिक्षित और क्या निरक्षर
सब के मन में घर करती, दहेज़ एक ऐसी लालच
दहेज़ एक ऐसी लालच जिसे शिक्षा भी दूर नहीं कर पा रही है
क्यूंकि मानव का आचरण दुर्बल हो गया है
दुर्भाग्य देखो भारत का, २१वी सदी के विचारों का
नव-युवक दहेज़ को हक समझते हैं
कमाते हैं लाखों पर क़त्ल करते हैं आदर्शों का
बेरीढ़ हो रहे है मुल्क के नौजवान
मर रहा है आत्मसम्मान
मान-मर्यादा बह गयी लालच की इस दरिया में
डूब गया स्वाभिमान इस मंज़र में
गिर गया वो अपनी ही नज़रों में
कैसे आदमी का स्वरुप इतना धूमिल हो गया
क्यूँ उसका इतना नैतिक पतन हो गया?


मेरा भारत महान कहने से महान नहीं बनता है
महान बनता है मेरे और तुम्हारे विचारों से
कुंठित मानसिकता ध्वंस की सूचक है
दहेज़ समाज के लिए विनाशकारी है
नहीं बने हम लकीर के फ़कीर
उठो और निर्मित करो चरित्रबल
मिटा दो फैला तम अपने समाज से
कभी न विचलित हो बाधाओं के आने से
नव भारत की नींव रखे नए विचारों से!!

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