गाँव में जब पिछले वर्ष बाढ़ ने तबाही मचाई तो उसमे भजनलाल का घर भी डूब गया! उसकी बीवी चल बसी और अभी कुछ दिनों पूर्व वह भी हैजे की भेंट चढ़ गया! भजनलाल मजदूरी कर के अपना घर चलता था पर अब उसके जाने के बाद उसके दोनों बेटे सड़क पर आ गए हैं और भीख मांगने पर विवश हैं! बडकू १२ साल का है जबकि छोटू तो अभी सिर्फ ५ साल का है! गाँव से भीख मांगते मांगते आज शहर के रेलवे स्टेशन पर आ पहुंचे हैं! पिछले ३-४ महीनों में उनका गुजरा लोगों की दया से हुआ है और आज उनकी कैफियत बहुत ही बेचारी हो चली है! बडकू तो समझदार है पर छोटू के लिए ज़िन्दगी की यह ज़ंग समझ से परे है! हर पल सिर्फ अम्मा और बाप्पा के बारे में पूछता रहता है!
स्तातीओं पर एक दिनों उनकी मुलाक़ात हीरो से हुई! हीरो एक अनाथ बालक है जो रेलवे स्टेशन पर ही पला और बड़ा हुआ है! वह अपने ही जैसे कुछ लड़के-लड़कियों के साथ स्टेशन पर रहता है! इन सब बच्चों का मालिक है रंगा! जब यह बच्चे रंगा के पास आये थे तब बिलकुल मासूम थे पर आज इनमे से अधिकतर ज़िन्दगी की कठिन राह पर छ्हलना सीख चुके हैं पर जिस राह पर वोह चल रहे हैं वह सही है या गलत, ये उन्हें समझाने वाला कोई नहीं है! यह बच्चे स्टेशन पर कुछ काम करते हैं, तो कुछ भीख मांगते हैं, कुछ नशा करने के लिए चोरी करते हैं, कुछ शाहोदागिरी या अन्य कार्य जिन्हें हम और आप सही नहीं मानते हैं! परन्तु इनके लिए सब सही है व वक़्त की मांग है!
बडकू और छोटू भी उन्ही के साथ रहने लगे और दिनों भर स्तैओं पर भीख मांगने लगे! दिनों भर कीबाद भी शायद की भर पेट भोजन मिल पाता था! एक बार ऐसे ही भीख मांगने हेतु, बडकू ने एक यात्री ट्रेन में झाडू लगाई व छोटू ने सबके सामने हाथ फैलाए! कुछ यात्रियों ने आठ आने या रूपये दिए, कुछ ने गालियाँ दी, कुछ ने नसीहत दी, कुछ ने नज़रंदाज़ किया और कुछ ने दुत्कार दिया! छोटू की आँख से आंसू छलक आये! नन्ही सी जान और इतना अपमान व गाली सुनकर वह रोने लगा! उसी दिनों रात में पता चला किरंगा ने पैसे ले कर पिंकी और गुडिया को किसी के साथ भेज दिया है! रंगा ने सभी को बताया कि-“पिंकी और गुडिया कि किस्मत बदल जायेगी! वह उन्हें बहुत अच्छे से रखेगा!” अब अच्छे से रखने का तात्पर्य आप खुद ही समझ सकते हैं! कुछ दिनों पश्चात् पता चला कि पिंकी से जबरन देह व्यापर करवाया जा रहा है व गुडिया कि कोई खबर नहीं है!
एक दिनों जब छोटू और बडकू अपने ठिकाने पहुंचे तो उनकी जेब में कुछ भी न था! आज उनकी कमाई एक चौकीदार ने उन्हें धमका के ले ली थी! तभी वह हीरो आया और सबको मिठाई खिलाने लगा! पूछने पर पता चला कि आज हीरो ने एक बहुत ही बड़ा हाथ मारा है और उसी कि ख़ुशी में वह झूम रहा है! पुलिस ने उसे पकडा पर फिर कुछ लें दें कर के छोड़ दिया! बडकू ने हीरो से कहा-
“तुमने चोरी की?”
“चोरी तो सभी करते हैं, बड़ा हो या छोटा! आज के ज़माने में सभी चोर हैं कुछ इज्ज़तदार चोर तो कुछ अपने जैसे!”
छोटू ने हीरो से प्रभावित हो कर कहा “दादा क्यूँ न हम भी हीरो के साथ कल से जाया करें?”
“नहीं चोरी करने गलत बात है! हम पैसे कमाने के लिए कुछ और कार्य करेंगे!”
अगले दिन बडकू सुबह सुबह ही काम की तलाश में निकल गया! एक दूकान वाले ने उसे भोझा खींचने का कार्य दिया! छोटू और बडकू ने किसी तरह काम पूरा किया तो दुकान वाले ने तय पैसे से कम पैसे बडकू के हाथ में थमा दिए! जब बडकू ने उससे सवाल किया तो उसने उसेगाल पर थप्पड़ रसीद दिया! छोटू यह देख कर रोने लगा! बडकू ने उसे चुप कराया और वहां से चलता बना! समाज की यह एक सच्चाई है की कमज़ोर को हर व्यक्ति दबाता है! यह प्रक्रिया ऊपर से लेकर नीचे तक होती है! कमज़ोर की कोई पैरवी भी नहीं करता! ऐसा प्रतीत होता है की एक गरीब व कमज़ोर के लिए कोई स्थान नहीं है! तभी तो आज बडकू के हक के पैसे भी उसे न मिले!
बडकू तो अपना आप को संभल लिया पर छोटू की सहनशीलता जवाब दे चुकी थी और अगली सुबह वो हीरो के साथ काम् पर निकल गया! आज एक और बच्चा समाज की भेंट चढ़ गलत राह पर चला गया! क्या हं बडकू को भी उस राह पर जाने से रोक सकते हैं?
आज हमारी सरकार बाल विकास के लिए कई योजनायें चला रही है पर कही न कही अभी इस दिशा में बहुत कुछ करना है! जरूरी है की सर्कार अपने लक्ष्य को फिर से निर्धारित करे! समाज को भी चाहिए की वो इन बच्चों के प्रति अपने रुख में बदलाव लाये! अगर हर पारी पूर्ण व्यक्ति एक भी बच्चे की ज़िन्दगी में अच्छे बदलाव ला सकता है तो उसे प्रयत्न अवश्य करना चाहिए! अपने देश के भविष्य को सँवारने के लिए हम सभी को एक जुट होना ही होगा!
गाँव में जब पिछले वर्ष बाढ़ ने तबाही मचाई तो उसमे भजनलाल का घर भी डूब गया! उसकी बीवी चल बसी और अभी कुछ दिनों पूर्व वह भी हैजे की भेंट चढ़ गया! भजनलाल मजदूरी कर के अपना घर चलता था पर अब उसके जाने के बाद उसके दोनों बेटे सड़क पर आ गए हैं और भीख मांगने पर विवश हैं! बडकू १२ साल का है जबकि छोटू तो अभी सिर्फ ५ साल का है! गाँव से भीख मांगते मांगते आज शहर के रेलवे स्टेशन पर आ पहुंचे हैं! पिछले ३-४ महीनों में उनका गुजरा लोगों की दया से हुआ है और आज उनकी कैफियत बहुत ही बेचारी हो चली है! बडकू तो समझदार है पर छोटू के लिए ज़िन्दगी की यह ज़ंग समझ से परे है! हर पल सिर्फ अम्मा और बाप्पा के बारे में पूछता रहता है!
स्तातीओं पर एक दिनों उनकी मुलाक़ात हीरो से हुई! हीरो एक अनाथ बालक है जो रेलवे स्टेशन पर ही पला और बड़ा हुआ है! वह अपने ही जैसे कुछ लड़के-लड़कियों के साथ स्टेशन पर रहता है! इन सब बच्चों का मालिक है रंगा! जब यह बच्चे रंगा के पास आये थे तब बिलकुल मासूम थे पर आज इनमे से अधिकतर ज़िन्दगी की कठिन राह पर छ्हलना सीख चुके हैं पर जिस राह पर वोह चल रहे हैं वह सही है या गलत, ये उन्हें समझाने वाला कोई नहीं है! यह बच्चे स्टेशन पर कुछ काम करते हैं, तो कुछ भीख मांगते हैं, कुछ नशा करने के लिए चोरी करते हैं, कुछ शाहोदागिरी या अन्य कार्य जिन्हें हम और आप सही नहीं मानते हैं! परन्तु इनके लिए सब सही है व वक़्त की मांग है!
बडकू और छोटू भी उन्ही के साथ रहने लगे और दिनों भर स्तैओं पर भीख मांगने लगे! दिनों भर कीबाद भी शायद की भर पेट भोजन मिल पाता था! एक बार ऐसे ही भीख मांगने हेतु, बडकू ने एक यात्री ट्रेन में झाडू लगाई व छोटू ने सबके सामने हाथ फैलाए! कुछ यात्रियों ने आठ आने या रूपये दिए, कुछ ने गालियाँ दी, कुछ ने नसीहत दी, कुछ ने नज़रंदाज़ किया और कुछ ने दुत्कार दिया! छोटू की आँख से आंसू छलक आये! नन्ही सी जान और इतना अपमान व गाली सुनकर वह रोने लगा! उसी दिनों रात में पता चला किरंगा ने पैसे ले कर पिंकी और गुडिया को किसी के साथ भेज दिया है! रंगा ने सभी को बताया कि-“पिंकी और गुडिया कि किस्मत बदल जायेगी! वह उन्हें बहुत अच्छे से रखेगा!” अब अच्छे से रखने का तात्पर्य आप खुद ही समझ सकते हैं! कुछ दिनों पश्चात् पता चला कि पिंकी से जबरन देह व्यापर करवाया जा रहा है व गुडिया कि कोई खबर नहीं है!
एक दिनों जब छोटू और बडकू अपने ठिकाने पहुंचे तो उनकी जेब में कुछ भी न था! आज उनकी कमाई एक चौकीदार ने उन्हें धमका के ले ली थी! तभी वह हीरो आया और सबको मिठाई खिलाने लगा! पूछने पर पता चला कि आज हीरो ने एक बहुत ही बड़ा हाथ मारा है और उसी कि ख़ुशी में वह झूम रहा है! पुलिस ने उसे पकडा पर फिर कुछ लें दें कर के छोड़ दिया! बडकू ने हीरो से कहा-
“तुमने चोरी की?”
“चोरी तो सभी करते हैं, बड़ा हो या छोटा! आज के ज़माने में सभी चोर हैं कुछ इज्ज़तदार चोर तो कुछ अपने जैसे!”
छोटू ने हीरो से प्रभावित हो कर कहा “दादा क्यूँ न हम भी हीरो के साथ कल से जाया करें?”
“नहीं चोरी करने गलत बात है! हम पैसे कमाने के लिए कुछ और कार्य करेंगे!”
अगले दिन बडकू सुबह सुबह ही काम की तलाश में निकल गया! एक दूकान वाले ने उसे भोझा खींचने का कार्य दिया! छोटू और बडकू ने किसी तरह काम पूरा किया तो दुकान वाले ने तय पैसे से कम पैसे बडकू के हाथ में थमा दिए! जब बडकू ने उससे सवाल किया तो उसने उसेगाल पर थप्पड़ रसीद दिया! छोटू यह देख कर रोने लगा! बडकू ने उसे चुप कराया और वहां से चलता बना! समाज की यह एक सच्चाई है की कमज़ोर को हर व्यक्ति दबाता है! यह प्रक्रिया ऊपर से लेकर नीचे तक होती है! कमज़ोर की कोई पैरवी भी नहीं करता! ऐसा प्रतीत होता है की एक गरीब व कमज़ोर के लिए कोई स्थान नहीं है! तभी तो आज बडकू के हक के पैसे भी उसे न मिले!
बडकू तो अपना आप को संभल लिया पर छोटू की सहनशीलता जवाब दे चुकी थी और अगली सुबह वो हीरो के साथ काम् पर निकल गया! आज एक और बच्चा समाज की भेंट चढ़ गलत राह पर चला गया! क्या हं बडकू को भी उस राह पर जाने से रोक सकते हैं?
आज हमारी सरकार बाल विकास के लिए कई योजनायें चला रही है पर कही न कही अभी इस दिशा में बहुत कुछ करना है! जरूरी है की सर्कार अपने लक्ष्य को फिर से निर्धारित करे! समाज को भी चाहिए की वो इन बच्चों के प्रति अपने रुख में बदलाव लाये! अगर हर पारी पूर्ण व्यक्ति एक भी बच्चे की ज़िन्दगी में अच्छे बदलाव ला सकता है तो उसे प्रयत्न अवश्य करना चाहिए! अपने देश के भविष्य को सँवारने के लिए हम सभी को एक जुट होना ही होगा!
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